न में द्वेषरागौ न लोभो न मोहो मदो नैव मात्सर्य्यमान्।
न धर्मो न चार्थे न कामो न मोक्षश्चिदानन्दरूपः शिवऽहं शिवऽहम्।।1।।
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं न मंत्रो न तीर्थो नवेदा न यज्ञाः।
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता श्चिदानन्दरूपः शिवऽहं शिवऽहम्।।2।।
न में मृत्युशंङका न में जातिभेदः पिता नैव माता न जन्म।
न बन्धुर्न मित्रं गुरुनैंव शिष्य श्चिदानन्दरूपः शिवऽहं शिवऽहम्।।3।।
मंगलवार, 6 जुलाई 2010
my dear soul this world is not world reality is death is real but life is a like dream two ty
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें